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Monday, July 27, 2020

Wife's beauty - नख़रा पत्नी का

Wife's beauty

हर तरफ कुछ हल्ला है |
हर ज़िकर  में तेरा मशला है |

तू रूठ के यों बैठी है | 
जैसे आकाश से चाँद रूठा हो |

कोई मनाये तो मनाये कैसे उन्हें | 
वो तो सूरज बनके बैठे हैं |

हम भी मगर जिद्दी हैं |  
वो रूठने में तो हम माहिर हैं  मनाने में |

हर तरफ कुछ हल्ला है |
हर ज़िकर में तेरा मशला हैं | 


(लेखक - धीरेन्द्र सिंह)

1 comment:

  1. Lekhakji main apki likhi Kavita Se sahamat hu par pati bhi Kam nakhre baale nai hote

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