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Sunday, July 12, 2020

Thoughts Power - विचारों की शक्ति


Thought's Power

जीवन का एक नया रूप देखने और समझने की कोशिश कर रहा हूँ | हम अपने विचारों के परिणाम से बानी जिंदगी से ही परेशान हैं | हम समझना ही नहीं चाहते की समस्याओं की जड़ क्या है | 

विचार अपने मैं बहुत सशक्त होते हैं, आप जो चाहें वो पा सकते हैं | किन्तु हम उन विचारों पर काम नहीं करते जो हमे आगे ले जा सकते हैं | हम व्यर्थ के विचारों में घिरे रहते हैं और अपना महत्पूर्ण समय नष्ट करते रहेते हैं और अंत मैं पछताते हैं की हमारी तो किस्मत ही ख़राब है | 

सफलता और असफलता हमारे नजरिये के ही दो पहलू हैं | मैं आपको एक कहानी बताता हूँ और आप स्वयं विचार कीजिये की विचार हमारी सफलता और असफलता की लिए कितने महत्पूर्ण होते हैं | 

आप सबने महान वैज्ञानिक एडिसन का नाम सुना होगा, जब एडिसन साठ साल के थे तो उस साल उनकी फैक्ट्री में आग लग गयी, दमकल की कई गाड़ियाँ वहाँ आगयी पर आग इतनी भयानक थी की उस पर काबू पाना कठिन हो रहा था और एडिसन एक किनारे खड़े चुपचाप यह देख रहे थे | उनके बेटे ने जब उन्हें यूँ चुपचाप देखा तो उसने उनसे कहा, पिताजी हमारा सब कुछ जल रहा है और आप चुपचाप खड़े हैं क्यों |  बेटे की बात सुनकर एडिसन बोले जाओ अपने परिवार के सभी सदस्यों को यहाँ बुला लाओ और उनको भी इस सुन्दर आग को देखने दो, यह सुनकर एडिसन के बेटे को कुछ समझ नहीं आया और उसने कहा यह आप क्या कहरहे हैं, इस आग ने तो हमारा सब कुछ बर्बाद कर दिया है | एडिसन बोले जो यह जल रहा है यह सब कुछ नहीं है तुम यूँ सोचो की जो जल गया वो तो हमारी नाकामियाँ थी अभी तो हमे बहुत कुछ करना है और उस हादसे के बाद एडिसन साहब ने एक से बड़ कर एक आविष्कार किये | 

कहने का तात्पर्य इतना ही की आपके विचार या आपका नज़रिया कैसा है | जो भी आपके जीवन मैं घट रहा है वो आपके विचारों के द्वारा बनाया हुआ संसार ही है, आप अपने जीवन मैं जितना प्रयास करते हैं जीवन उतना ही विश्तृत होता है | 

भगवान कृष्ण ने गीता में कर्म के महत्व को बताया है और कर्म का पहला चरण ही विचार हैं | जब से मनुष्य पैदा होता है तब से कुछ भी करने से पहले वह विचारों से ओत प्रोत होता है और फिर कर्म करता है | 

जैसे आप बहुत धनवान व्यक्ति बनना चाहते हैं और आप कहीं पर नौकरी कर रहे हैं | कुछ भी ऐसा अलग नहीं कर रहे हैं जिससे आपके जीवन में धन वर्षा हो, तो ऐसे विचार निष्क्रिय हो जाते हैं | कोई भी विचार किसी कर्म का बीज़ होता है, अगर आप अपने जीवन में धन अर्जित करना चाहते हैं तो आपका लक्ष्य फिर वही होना चाहिए | अगर आप मालिक बनाना चाहते हैं तो मालिक जैसी सोच पैदा करें | 

जीवन में अवसर कभी नहीं आते, अवसर बनाने पड़ते हैं | यह आप पर है की आप अपने को कितना सामर्थय्वान बनाते हैं | आपको अगर अपने सपनो को पूरा करना है तो अपने आप को बदलो, बदलाब अन्तः है, बदलाब बाहरी है | आपको अपने शरीर को मजबूत बनाना होगा, दिमाग को ऊर्जावान बनाना होगा और सबसे महत्पूर्ण निरंतर प्रयास और ज्ञान का अर्जन करते रहना होगा | 

हमेसा याद रखिये अगर जितना बड़ा सपना होगा उसकी उतनी बड़ी कीमत होगी, सफलता और असफलता के बीच बस एक पतले धागे का फासला होता है, जो मैदान में टीका रहता है, हर कठनाइयों का सामान करता है सच मानिये सफलता भी उसका आलिंगन करने के लिए बेचैन रहती है | 

आखरी में बस इतना कहूंगा - 

कुछ भी नहीं नामुम्किन, कुछ तो विचार करो | 
सब कुछ मिलेगा जीवन मैं, कुछ तो प्रयास करो || 

क्या हुआ जो गिर गए या गिरा दिए गए, उठो फिर से एक बार प्रयास करो | 
चींटी कितनी बार गिरती है चढ़ती है पुनः दीवारों पर, क्यों हताश हो पुनः प्रयास करो  || 

सफलता और असफलता के फेर में मत पड़ो, कर्म का तुम आवाहन करो | 
संघर्षों के पद का लो तुम आनंद, जीवन सुन्दर होगा जब पाओगे तुम अपना गंतव्य || 





(लेखक - धीरेन्द्र सिंह)

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