दोस्तों जो भी समय बीत रहा है, अगर आप अपनों के साथ हैं तो यकीन मानिये आप इस संसार के सबसे खुश नसीब इंसान हैं | इस साल अगर आप इस कोरोना नामक बिमारी से बच गए तो सही मानियेगा आपने बहुत बड़ी जंग जीत ली | लेकिन जिस तरह का वातावरण समाज में हो रहा है, वो भी चिंता पैदा करता है |
विश्व स्तर पर मंदी का दौर चल रहा है, हर देश और हर व्यक्ति अपने जीवन को इससे उभारने की कोशिश में लगा है किन्तु संघर्ष लम्बा है और यह भी नहीं पता इसका अंत कब है | आज एक आदमी घर से निकलने में एक नहीं दस बार सोचता है, पर जिंदगी है साहब यह कब रुकी है |
यह समय हमें बहुत कुछ सिखा रहा है, अगर हम इसका सकारात्मक पहलू देखें तो हम पाएंगे की हमने इस खतरनाक समय मैं क्या पाया है | मैं अपना अनुभव बता सकता हूँ और सच मानिये जो बीता समय मैंने अपने परिवार के साथ बिताया है, इस भयंकर महामारी काल में, यह मेरी जिंदगी की बहुत सुन्दर यादों मैं सुमार हो गया है | कितनी बार हम चाह के भी अपने परिवार के साथ समय नहीं बिता पाते थे पर इस काल खंड में हमने वो सुन्दर समय बिताया है |
यह बदलाब का समय है, इस महामारी में सब बदल दिया है | संसार अपनी गति से ज्यादा तेज गति से चल रहा है, रातों रात व्यापार के सारे तरीके बदल दिए, नयी नयी टेक्नोलॉजी आगयीं हैं जिसने व्यापार के क्षेत्रों में क्रांति ला दी है, यह बदलाब तो हो रहे थे किन्तु इस समय इसमें बाड़ आगयी है | जिसका मतलब है, आगामी समय टेक्नोलॉजिकल युग होगा लेकिन शायद हम उसके लिए तैयार नहीं हैं, क्योंकि हम जिस शिक्षा पद्धति का अनुसरण करते हैं वो समय के अनरूप नहीं है इसलिए यह भी बहुत बड़ी चिंता का विषय है | मैं आशा करता हूँ हमारी सरकार इस और भी ध्यान देंगी और शिक्षा क्षेत्र में कुछ बड़े बदलाब करेंगे जिससे हमे आने बाले समय में बहुत ही मेघावी छात्र मिलें जो देश का मुस्तकबिल बने |
आगे बस इतना कहना चाहूंगा -
जान है तो ज़हान है, बहुत मौके मिल जायेंगे खाने के कमाने के अगर आप सलामत हैं |
(लेखक - धीरेन्द्र सिंह )