स्वामी विवेकानंद जी के वचन
१. उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये | २. जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान में विश्वास नहीं कर सकते |
३. सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य
ही होगा|
(आगे पढ़ें - विचारों की शक्ति )
४. एक विचार लो उस विचार को अपना जीवन बना लो – उसके बारे
में सोचो उसके सपने देखो, उस विचार को जियो, अपने मस्तिष्क,
मांस पेशियों, नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो और
बाकी सभी विचार को किनारे रख दो, यही सफल होने का तरीका है |
५. जिस दिन जब आपके सामने कोई समस्या ना आये – आप सुनिश्चित हो सकते हैं की आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं |
६. सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चा होना, स्वयं पर विश्वास करो |
७. बस वही जीते हैं जो दूसरों के लिए जीते हैं |
८. शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु, विस्तार जीवन है, सकुंचन मृत्यु - प्रेम जीवन है, ईर्ष्या, द्वेष मृत्यु |
(आगे पढ़ें - जीवन कैसा हो )
९. हम जो बोते हैं वो ही काटते हैं, हम स्वयं अपने भाग्य के बिधाता हैं |
१०. जो तुम सोचते हो वो हो जाओगे, यदि तुम खुद को कमजोर सोचते
हो, तुम कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे |
स्वामी जी के वचनो ने विश्व के करोड़ों लोगों को, युवाओं को प्रभावित किया है और उनका मार्ग दर्शन किया है और युग युगान्तर तक करते रहेंगे |
(धीरेन्द्र सिंह )