मेहनत करने से सफलता मिलती है कैसे?
हम सबको बचपन से ही यह सीखाया जाता है कि सफलता के लिए मेहनत करनी चाहिए और हम सब इस बात का अनुसरण भी करते हैं, फिर भी कुछ ही लोगों को ही सफलता क्यों मिलती है, एक मजदूर तो कितनी मेहनत करता है या एक मध्यम वर्गीय इंसान कितनी कठिन परिश्रम करता है लेकिन उसको भी वो सफलता नहीं मिलती क्यों ?
(आगे पढ़े - विचारों की शक्ति )
एक दफ्तर में जो क्लार्क होता है वो कितनी मेहनत करता है पर उसको भी वो सफलता नहीं मिलती - इसका मतलब कुछ तो इस नियम में गड़बड़ी है क्योंकि मेहनत सफलता का पर्याय नहीं हो सकता है, हां यह उसकी जरूरत हो सकती है आपकी दर्णता के लिए ।
कोई भी सिर्फ अपनी मेहनत के बल पर सफल नहीं हो सकता उसको सफल होने के लिए अपना लक्ष्य और अपने ऊपर पूर्ण विश्वास होना चाइये - तुम्हारा क्या लक्ष्य है, क्या तुम उसकी प्राप्ति के लिए अपना सर्वश्व लगा सकते हो |
सफलता तो सब चाहते हैं पर उसकी कीमत कोई नहीं चुकाना चाहते हैं - शिव खेरा
हम सबको बचपन से एक ही बात सिखाई जाती है की मेहनत करोगे तो सफल होंगे, पढ़ाई में मेहनत करो, अपने काम में मेहनत करो, जितना कठिन परिश्रम करोगे उतनी बड़ी सफलता मिलेगी | कोई भी यह नहीं सीखता या कहता की जो तुम कर रहे हो उसमे तुम्हे आनंद मिल रहा है या तुम उससे कुछ नया सीख रहे हो या नहीं, हम सब एक भेड़ चाल में हैं |
जो इस सच्चाई को समझ जाता है और समय रहते अपना लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं जिसके लिए वो कुछ भी त्यागने के लिए तत्पर है,अब वो जो भी करेगा पूरी निष्ठा से करेगा सफलता और असफलता के फेर से बहार निकल कर करेगा क्योकि अब वह अपने काम का आनंद लेगा और उसको बोझ नहीं समझेगा |
(आगे पढ़े - विचारों की शक्ति )
हम जो कर रहे हैं या जो करना चाहते हैं जब तक हम उसमे अपना विश्वास, जूनून, अपना दिल और दिमाग नहीं शामिल करते तब तक हम उसमे सफल नहीं हो सकते फिर भले ही हम कितनी ही मेहनत क्यों न करते रहें |
(लेखक - धीरेन्द्र सिंह )
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