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Sunday, December 18, 2022

Hard work leads to success - सफलता का रास्ता

 

Hardwork leads to success

किसी से भी मत सीखो, सीखना है तो अपनी परिस्थितियों से सीखो, तुम रुके हो, समय नहीं, सफलता तुम्हें चाहिए किसी और को नहीं, आराम तुम कर रहे हो और कोस रहे जमाने को, क्या चाहिए तुम्हें, अगर है मालूम तो समय नहीं है, तुम्हारे पास रुको नहीं, करो दिन रात काम।

अगर नहीं बदलती तुम्हारी परिस्थिति और तुम सही नहीं कर रहे हो, जानो समय को और दिन रात काम करो, अपने आपको खोजो, सफलता असफलता यह सब बेमानी है क्योंकि तुम तो आए हो अपने एक सपने के साथ, मुश्किल नहीं है जमाने में खुद को स्थापित करना, बस जरूरी है खुद को पहचानना । 

कुछ भी करोगे उसके लिए कुछ तो छूटेगा ही किस मोह में पड़े हो तुम, हो क्या पहले इसको पहचानो, क्यों किसी को दे देते हो तुम्हारा जीवन और अपना हर एक क्षण, उसको तुम बर्बाद कर रहे हो, कब तक ऐसे चलता रहेगा तुम उठते हो, सोते हो कब तक चलता रहेगा ।

मरना सबको है और एक दिन आएगा जब तुम्हारी आवाज भी खामोश हो जाएगी तुम एक तस्वीर बनकर किसी दीवार पे नजर आओगे, उस समय के आने से पहले क्यों मर रहे हो, हर क्षण तुम यही सोचते हो कि आज मेरे पास पैसे नहीं है आज मेरे पास यह नहीं है अपने आपको पहले अमीर बनाओ इतना अमीर के लोग तुमसे मिलने के लिए लाइन में खड़े रहे, लोग तुमको ignore ना कर पाए सोचो समझो बातों को ।

कब तक चलता रहेगा कभी तो उसका अंत आएगा........

 

                                                    ( लेखक - धीरेंद्र सिंह)


Friday, August 26, 2022

Importance of Freedom - स्वतंत्रता का महत्व


Importance of Freedom

स्वतंत्र जीवन, जहां आप आजाद हो उड़ने के लिए, खुला आसमान, जहां आपकी शांति, मन की शक्ति, सिर्फ आपके साथ हो। मैं उस चील की तरह आसमान में उड़ना चाहता हूं और जीवन के हर पहलू को जीना चाहता हूं, एक जगह बंद कर रहना मुश्किल हो जाता है जब आपकी खुशी आजाद ख्याल में हो।

आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम सब उस आजादी को, स्वतंत्रता को, भुला बैठे हैं। आज हम गुलाम हैं, अपनी भौतिक महत्वकांक्षाओं के, हमें सब चाहिए फिर हमें अपनी शांति ही क्यों ना छोड़नी पढ़े।

क्या हम सब वाकई आजाद हैं, स्वतंत्र हैं?

शायद नहीं...........

जब हम सब बच्चे थे, तो हर चीज में खुशी तलाश लेते थे क्योंकि शायद हम महत्वकांक्षाओं के भवर में नहीं पढ़ते थे, वही करते थे, जो हमें सबसे ज्यादा पसंद होता था।

जीवन महत्वपूर्ण है और जीने के लिए धन, रिश्ते, लोग सब जरूरी है पर शायद हम इसका अर्थ कुछ और ही लगा बैठे हैं।हम काम तो कर रहे हैं पर वह काम नहीं जिसको हम पसंद करते हैं जो हमारी उड़ान के लिए बहुत जरूरी है हम अधिकांशत: वह काम कर रहे हैं जिसको करने में हमें कोई रुचि नहीं बस सामाजिक पहचान के लिए या शायद अच्छे पैसों के लिए बस कर रहे हैं, एक अजीब से डर के साथ।

क्योंकि इस तरह तो सिर्फ हम सब अपना समय काट रहे हैं, रोज उठते हैं, खाना खाते हैं, अपना काम करते हैं और दिन ढलने के साथ सो जाते हैं, बस हमारी जिंदगी यही है और समय बीत रहा है और हम सब खर्च हो रहे हैं। एक दिन वह भी आ जाएगा जब हम सब हैं से थे हो जाएंगे और किसी दीवाल पर तस्वीर बनकर टंग जाएंगे।

किसी ने बहुत अच्छी बात कही भी है -

जिंदगी बड़ी नहीं लेकिन ऐसी होनी चाहिए जिसमें आप अपना हर पल खुशी से और वह करते हुए जिएं जिसको करने में आपको वास्तव में खुशी मिलती हो।

वह चील जो खुले आसमान में उड़ती है

ऊंचे और ऊंचे आसमानमें उड़ती है 

शांत स्थिर अपनी ही धुन में 

किसी से कोई फर्क नहीं है उसे

जिंदगी उसकी है और वह वाकई आजाद है, स्वतंत्र है

जिंदगी का हर पल महत्वपूर्ण है आप इसे कैसे खर्च करते हैं यह आप पर निर्भर है क्योंकि पल तो हर समय बीत रहा है।


                                                                                                                                   - धीरेन्द्र सिंह

Thursday, August 4, 2022

Love your parents - मां बाप की सेवा




एक समय की बात है, एक औरत अपने बच्चे के साथ एक गांव में रहती थी और जिसने अपने जीवन में बहुत कठिनाइयों का सामना करके अपने बच्चे को बड़ा किया था । एक दिन उसका बेटा अपनी मां के पास आया और बोला मां तूने जीवन पर बहुत मेहनत की है और मेरी छोटी सी छोटी बातों का तूने बहुत ध्यान रखा है, अब मैं बड़ा हो गया हूं और मैं अब तुम्हारी सेवा करना चाहता हूं । मां ने मुस्कुराकर अपने बेटे को खूब आशीर्वाद दिया और बोला बेटा सेवा करना इतना आसान नहीं है और कहा तू इन चक्कर में मत पड़ और जा अपना काम कर मैं ठीक हूं ।

बेटा बोला नहीं मां तुमने वाकई जीवन भर बहुत मेहनत की है, अब मेरी बारी है और मैं तुम्हारी बहुत सेवा करना चाहता हूं, अब मैं तुम्हें कोई काम नहीं करने दूंगा, अब तुम आराम करो । मां ने कहा अच्छा तो चल तू आज मेरे पास ही सो जा, अच्छा मां बेटे ने कहा और मां पलंग पर और बेटा नीचे चटाई पर सो गया और थोड़ी देर बाद मां ने बेटे को आवाज दी कि बेटा सो गया क्या, मुझे थोड़ा पानी पिला दे, अच्छा मां बस अभी लाता हूं और बेटे ने मां को पानी पीला दिया और बोला मां और कुछ चाहिए किया, मां ने कहा नहीं बेटा अब तू सो जा। 

बेटा फिर सोने के लिए लेट गया , फिर मां ने आवाज़ लगाई बेटा सो गया किया, बेटे ने आवाज़ दी किया हुआ मां बेटा पता नहीं लेकिन पैरों में बहुत दर्द हो रहा है, तू मेरे पैर दबा दे। अच्छा मां अभी दवाता हूं और करीब एक घंटे तक बेटा मां के पैर दवाता रहा, तब मां ने कहा बेटा अब तू सो जा बहुत देर हो गई है, अच्छा मां बेटे ने कहा, मुझे भी बहुत नींद आ रही है।

बेटा अपने बिस्तर पर लेटा और उसे तुरन्त नींद आ गई, थोड़ी देर बाद मां ने बेटे को फिर आवाज़ दी, बेटा बेटा अरे सो गया किया, इस बार बेटा थोड़ा खिस्याने लगा पर फिर अपनी बात याद कर बोला, किन्तु इस बार आवाज़ में वो प्रेम नहीं था, हां मां बोलो अब किया हो गया, बेटा मेरा सर बहुत दर्द कर रहा है थोड़ा दवादे, अच्छा मां । बेटे ने मां का सर भी दवाय और फिर सोने के लिए लेटा परंतु थोड़ी देर में ही उसकी मां से पानी उसके बिस्तर पर फेल गया और वो बड़े गुस्से से खड़ा हुआ और अपनी मां को बुरा भला कहने लगा। मां थोड़ी देर सब सुनती रही और फिर बोली बेटा तू ऐसे ही मेरी सेवा करना चाहता था, यह सुन कर बेटा शर्म से पानी पानी हो गया।

मां बोली बेटा जब तू छोटा था ना, ऐसी कितनी रातें होती थी जब तू मुझे एक पल भी सोने नहीं देता था किन्तु मुझे तुझ पर गुस्सा नहीं आता था । मुझे अच्छा लगा कि तू मेरी सेवा करना चाहता है किन्तु सेवा कर पाना इतना आसान नहीं होता है, तू मेरा प्यारा बच्चा है। अब जा और अपने कमरे सो जा, अब मैं तुझे परेशान नहीं करूंगी।

बेटा बोला मां मुझे माफ़ कर दे, मैं समझ गया हूं कि कोई भी बेटा अपने मां बाप का एहसान कभी नहीं उतार सकता, फिर भी कोशिश करूंगा एक अच्छा बेटा बनने कि और बेटे ने मां को अपने गले लगा लिया।

मां बाप के लिए उनके बच्चों का प्यार, बच्चों के द्वारा उनका ध्यान रखना, साथ समय बिताना और सम्मान करना ही उनकी असली सेवा है।



                                                                                                                                               - धीरेन्द्र सिंह

Saturday, July 30, 2022

Know yourself - स्वयं की पहचान

 
Know yourself

जीवन में कमजोर होना बुरा नहीं है किंतु कमजोर दिखना बहुत बुरा है एक छोटी सी कहानी जो बताती है कि हम वास्तव में क्या हैं अगर हम नहीं जानते तो हम अपना जीवन कैसे जीते हैं।

एक बार की बात है एक शेरनी ने एक शेर के बच्चे को जन्म दिया, वह शेर का बच्चा जब थोड़ा बड़ा हुआ तो अपने झुंड से बिछड़ गया और भेड़ों के झुंड के साथ मिल गया और बहुत समय तक भेड़ों के साथ रहा, भेड़ों की तरह ही बोलने लगा वह सब काम करने लगा जो भेड़े करती थीं। एक दिन वह भेड़ों के झुंड के साथ नदी पर गया और वह जब पानी पी रहा था तब उसने अचानक गौर किया अपनी परछाई पर जो पानी में दिख रही थी, उसने थोड़ा गौर से अपनी परछाईं को देखा, फिर दाएं देखा, फिर बाएं देखा, फिर उसने एक एक भेड़ को देखा, फिर अपना चेहरा पानी में देखा और सोचने लगा कि यह सब तो एक जैसे दिख रहे हैं, मैं तो इनके जैसा नहीं हूं फिर अचानक दूर पहाड़ पर एक शेर आया। उस शेर ने जोर से दहाड़ा, शेर की आवाज सुनकर भेड़ों का झुंड इधर-उधर दौड़ने लगा, लेकिन यह शेर का बच्चा जो भेड़ों के साथ था उसने देखा कि अरे यह क्या हुआ और जब उसने पहाड़ के ऊपर देखा फिर अपने आप को  देखा और सोचने लगा अरे यह तो बिलकुल मेरे जैसा है और कितनी गजब की आवाज है। उसने भी दहाड़ने की कोशिश की और थोड़ी देर में ही उसने वैसे है दहाड़ा जैसे पहाड़ पर खड़े शेर ने दहाड़ा था, आज उस शेर के बच्चे ने असल में अपने आप को पहचाना था और उसके इस बदलाव से जो भेड़ें आज तक उसके साथ आसानी से रहती थी उस की दहाड़ को सुनकर सब भाग गईं।

हम सब भी अपने आप को भुला के बैठे हैं, जीवन खाने-पीने सोने का नाम नही है, जीवन है नाम यात्रा का, खुद को पाने का अगर हम अपने जीवन में अपने असली महत्व को नहीं जान पाए तो हम भी उस शेर के बच्चे की तरह ही जीवन जिएंगे।

                                                                   ~धीरेन्द्र सिंह



Wednesday, July 20, 2022

Words power - शब्दों की शक्ति

Words power

शब्द अपने आप में इतने सशक्त होते हैं कि आपके जीवन को निखार भी सकते हैं और बर्बाद भी कर सकते हैं, शब्दों का सही चयन करना सीखें ।

शब्दों का अगर सही प्रयोग समझना है तो Mr. Edison कि कहनी से समझें जहां उनकी मां के सकारात्मक शब्दों ने स्कूल से निकाले गए एक मूर्ख बच्चे को, उन्होंने एक महान वैज्ञानिक बना दिया । यह बात उस समय की है जब Mr. Edison एक महान वैज्ञानिक बन चुके थे और एक दिन वह अपना कोई research paper खोज रहे थे जब उनके हाथ में एक बहुत पुराना सा खत लगा जो कि उनके स्कूल के प्रधानाचार्य ने उनकी मां को लिखा था। उन्होंने उसको पढ़ना शुरू किया, उसमे लिखा था कि आपका बच्चा दिमाग ही तौर पर सामान नहीं है और हमारे लिए किया किसी भी स्कूल के लिए ऐसे बच्चे को पढ़ाना असंभव है । तब Edison सोचने लगे पर जब मैंने अपनी मां से पूछा था तो उन्होंने कहा था कि प्रधानाचार्य जी ने कहा है कि मैडम आपका बच्चा तो इतना होशियार और काबिल है कि यह स्कूल इसके लायक नहीं है और आप ही इसको घर पर ही शिक्षा दीजिए ।

Edison सोच कर रोने लगे कि देखो उनकी मां के शब्दों ने उनको आज किया बाना दिया है, शब्दों की शक्ति ऐसी ही होती है। आज हम सब इतने नकारात्मक माहौल में जीते हैं कि अधिकांश मनुष्य यह मान के चलता है कि या तो उससे होगा नहीं या वह उसके लायक नहीं और वह खुद तो इस नकारात्मक संसार से बाहर आना नहीं चाहते और दूसरों को भी इससे ग्रसित करते रहते हैं।

इसलिए कहता हूं अपने शब्दों का प्रयोग बहुत सावधानी से करिए, विचार करिएगा.............

(लेखक - धीरेंद्र सिंह)

Thursday, July 14, 2022

Believe - विश्वास

Believe


मनुष्य एक समाजिक प्राणी है और समाज का आधार है विश्वास । जब कोई भी व्यक्ति किसी के विश्वास को तोड़ता है तो समाज का ताना बाना बिगड़ जाता है और समाज में एक अस्थिरता आ जाती है । इतिहास गवाह है कि बड़े-बड़े राजाओं ने अपनी सत्ता तब हारी है जब उनके किसी अपने ने ही उनके साथ विश्वासघात किया था।

विश्वास, यह शब्द जितना छोटा है उसका अर्थ उतना ही गहरा और विशाल है, हमारे निजी जीवन में, रिश्तो में, विश्वास बहुत महत्वपूर्ण है। यहां तक की जब तक हम खुद पर भी विश्वास नहीं करते, यकीन नहीं करते तब तक हम अपनी मंजिल से बहुत दूर रहते हैं । 

जब भी किसी व्यक्ति ने अपने ऊपर संपूर्ण विश्वास किया, अपनी क्षमताओं पर पूर्ण विश्वास किया उसने हमेशा एक नया इतिहास रचा है। इसलिए जीवन में विश्वास की शक्ति को समझना बहुत जरूरी है ।


जीवन का आनंद सबके साथ है

सबका साथ ही जीवन का आनंद है

विश्वास कि यह डगर थोड़ी कठिन है

हर मोड़ पर अविश्वास की डगर है

डर किसी समस्या का समाधान नहीं

आंख के बदले आंख यह कोई हल नहीं

तुम चुरा सकते हो सबसे नजर

खुद से कभी नजर चुराना नहीं

इस विश्वास अविश्वास के खेल में

तुम कभी हारना नहीं

तुम कभी हारना नहीं

(लेखक - धीरेंद्र सिंह) 

Friday, June 3, 2022

Determination - जुनून



Determination

कभी-कभी धैर्य भी टूट भी जाता है
परिस्थितियों के आगे हर व्यक्ति अपना सर झुकाता है
पहाड़ कभी झुकता नहीं उसको कोई तोड़ सकता नहीं
जिद लिए कोई इंसान उसको भी झुकाता है
क्यों कि कभी-कभी धैर्य भी टूट जाता है।

ऐसा कौन है जो कभी गिरा ही नहीं, हारा ही नहीं
अगर ऐसा कोई है उसको क्या पता जीतना क्या है
असल में हार जीत तो कुछ है ही नहीं
जो किया या तो अच्छा किया या अनुभव लिया
इसलिए ऐसा कौन है जो कभी गिरा ही नहीं, हरा ही नहीं।

पहाड़ी नीचे बैठ के, चोटी पर बिना परिश्रम पहुंचोगे नहीं
सपने तो सपने हैं जब तक क्रिया का झोंका उसमें लगा ही नहीं
क्या सफलता क्या असफलता ऐसा कुछ तो होता ही नहीं
बिना कर्म के भी कोई जीवन होता ही नहीं
जब कर्म ही धर्म बन जाता है और दिन रात और रात दिन हो जाता है तब ही तो कोई इतिहास रचा जाता है।


(लेखक - धीरेन्द्र सिंह)