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Friday, June 3, 2022

Determination - जुनून



Determination

कभी-कभी धैर्य भी टूट भी जाता है
परिस्थितियों के आगे हर व्यक्ति अपना सर झुकाता है
पहाड़ कभी झुकता नहीं उसको कोई तोड़ सकता नहीं
जिद लिए कोई इंसान उसको भी झुकाता है
क्यों कि कभी-कभी धैर्य भी टूट जाता है।

ऐसा कौन है जो कभी गिरा ही नहीं, हारा ही नहीं
अगर ऐसा कोई है उसको क्या पता जीतना क्या है
असल में हार जीत तो कुछ है ही नहीं
जो किया या तो अच्छा किया या अनुभव लिया
इसलिए ऐसा कौन है जो कभी गिरा ही नहीं, हरा ही नहीं।

पहाड़ी नीचे बैठ के, चोटी पर बिना परिश्रम पहुंचोगे नहीं
सपने तो सपने हैं जब तक क्रिया का झोंका उसमें लगा ही नहीं
क्या सफलता क्या असफलता ऐसा कुछ तो होता ही नहीं
बिना कर्म के भी कोई जीवन होता ही नहीं
जब कर्म ही धर्म बन जाता है और दिन रात और रात दिन हो जाता है तब ही तो कोई इतिहास रचा जाता है।


(लेखक - धीरेन्द्र सिंह)



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