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Monday, October 30, 2023

Book of Feelings - भावनाओं से भरी एक किताब


नज़रिया - जो जीवन को दिशा दे

 

सपने


सपने वो होते हैं जिसके लिए यह जीवन है, अगर हम अपने सपने को नहीं जीते हैं तो मान लीजिये की हम सिर्फ जिंदगी काट रहे हैं उसका आनंद नहीं ले पा रहे हैं  | 

सपने हमे प्रेणना देते हैं, जिंदगी की चुनौतियों से जूझना सिखाते हैं | सपने ही न हो तो जिंदगी बिना लक्ष्य के होगी और उसमे भटकाव  होगा, जिससे जिंदगी उबाऊ और व्यक्ति हर समय किसी न किसी उलछन से घिरा होगा | 

इसलिए सपने जरूर देखें और उसको पूरा करने के लिए पूरी ईमानदारी से प्रयास जरूर करें, इस यात्रा में आप पूर्ण सुख का अनुभव करेंगे, क्योंकि आप रोमांचित है अपनी इस यात्रा के लिए और यही जरुरी है -

मैं हमेशा कहता हूँ जीवन के संघर्ष हमको बेहतर और बेहतर इंसान बना देते हैं क्योंकि आपका जितना बड़ा सपना होगा, आपका संघर्ष भी उतना ही बड़ा होगा - 

हर बड़े लक्ष्य को पाने के लिए, छोटे-छोटे लक्ष्य बनायें और रोज उस पर काम करें और उसका आकलन करें, अपनी गलतियों से सीखें, अपने साथ अच्छे और ईमानदार लोगों को जोड़ें और अगर गिर भी जाएँ तो हौसला बनाये रखें |  

क्योंकि - 

"    जीतेगा वही जो दौड़ेगा 

    जीतेगा वही जो दौड़ में बना रहेगा 

    जीतेगा वही जो धैर्य को धामेगा 

    जीतेगा वही जो विश्वास करेगा 

    जीतेगा वही जो िस्थति, परिस्थति में अडिग रहेगा  "


                                                                                                                                 (लेखक- धीरेन्द्र सिंह)




 






 

Sunday, August 20, 2023

सर्वश्रेष्ठ संबंध

 


मनुष्य के जीवन में संबंधों का अत्यधिक महत्व होता है। यह संबंध किसी भी प्रकार के हो सकते हैं - परिवारिक, मित्रता, पार्टनरशिप, और भी बहुत कुछ। यह संबंध हमारे जीवन को रंगीन और मतलबपूर्ण बनाते हैं। लेकिन बेहतरीन संबंध क्या होते हैं और उन्हें कैसे बनाया जा सकता है, इसके बारे में बात करने से पहले हमें संबंधों की महत्वपूर्ण विशेषताओं को समझना आवश्यक है।

एक सफल संबंध की कुंजी विश्वास, समझदारी, सहयोग, और समर्पण में होती है

विश्वास की बात करें तो यह संबंधों का आधार होता है। बिना विश्वास के कोई संबंध स्थायी नहीं रह सकता। जब हम किसी से विश्वास करते हैं, तो हम उन्हें अपने जीवन की सबसे गहरी बातें साझा करते हैं और उन्हें हमारी कमजोरियों और खोजों की पहचान होती है।

समझदारी भी एक महत्वपूर्ण संबंध की सुरक्षा बढ़ाने वाली चीज़ है। जब हम समझदारी से किसी संबंध में प्रतिबद्ध रहते हैं, तो हम दूसरे के दृष्टिकोण को समझने का प्रयास करते हैं और उनकी भावनाओं को महत्वपूर्ण बताते हैं। इससे संबंध में सहमति और समन्वय बना रहता है, जिससे विवादों का अवसर कम होता है।

सहयोग भी एक स्थिर और सफल संबंध की आवश्यकता है। जब हम अपने संबंधी के सपनों और लक्ष्यों का समर्थन करते हैं, तो हम उन्हें एक आत्मविश्वास और सशक्त महसूस कराते हैं। इसके साथ ही, जब हम समय-समय पर उनके साथ होते हैं और उनके साथ उनके जीवन के सार्थक पलों का आनंद लेते हैं, तो संबंध मजबूत होते हैं।

समर्पण भी संबंधों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। जब हम किसी संबंध में पूरी तरह से समर्पित होते हैं, तो हम उसकी देखभाल करते हैं और उसके लिए आवश्यक कदम उठाते हैं। समर्पण की बात करें तो यह एक प्रकार की अपनी छाप छोड़ता है जिसका परिणामस्वरूप संबंध सशक्त बनते हैं।

बेहतरीन संबंधों की विशेषताएँ सिर्फ इन शब्दों में ही समाहित नहीं होतीं, बल्कि यह उनमें अनगिनत अद्भुत और जीवन देने वाले अनुभवों की कहानियों का संग्रह होता है। विश्वास, समझदारी, सहयोग, और समर्पण यह सभी गुण संबंधों को न केवल बनाए रखने में मदद करते हैं, बल्कि उन्हें मजबूती और स्थायिता प्रदान करते हैं। यह संबंध एक विशेष सफलता और खुशियों की प्राप्ति की यात्रा में साथ चलते हैं।

संबंधों की मिसालें हमारे चारों ओर हैं। परिवार में माता-पिता, बच्चे, और भाइयों-बहनों के बीच के संबंध अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं। यहाँ तक कि दोस्तों का भी संबंध एक अद्वितीय और अनमोल धरोहर होता है, जो हमें जीवन के संघर्षों में सहायता करता है।

इस प्रकार, सर्वश्रेष्ठ संबंध हमारे जीवन को अधिक सार्थक और खुशहाल बनाते हैं। ये संबंध हमारे दिलों में सुख, समृद्धि, और समृद्धि की भावना को बढ़ावा देते हैं और हमें एक बेहतर और समर्पित व्यक्ति बनाते हैं।


हर दिन खूबशूरत हो जाता है जब कोई अपना अपने पास होता है | 
मुश्किलें आसान हो जाती हैं जब कोई अपना अपने पास होता है || 

हर संबंध अच्छा होता है, हमको अगर निभाना आता है | 
क्योंकि मिलता बही है जो बोया जाता है || 



(लेखक - धीरेन्द्र सिंह )






Friday, March 24, 2023

कृष्ण भावना से जीना

 


मुझको लगा की तुम असाध्य हो ।

पर तुम तो मेरी चेतना का सार हो ।।


मुझको लगा तुम भौतिक हो ।

पर तुम तो अविनाशी हो ।।


मुझको लगा की तुम सिर्फ मेरे हो ।

पर तुम तो हर जीव के हो ।।


मन भटका, भटकी मेरी चेतना । 

तुम अराध्य मेरे, मैं तेरी रचना ।।


तुम ही लिखते, तुम ही मिटाते ।

सारा जीवन खेल हो रचाते ।।


फसा माया में, जीव से तुम क्या क्या खेल नही कराते ।

खूब रुलाते, खूब हसाते, फिर इससे तुम्ही बचाते ।।


हम सब बंधे कर्मों से या कर्म हम से बंधे हैं ।

करता कराता तू है हम तो व्यर्थ ही उलझन में हैं ।।


मुझको लगा की तुम असाध्य हो ।

पर तुम तो मेरी चेतना का सार हो ।।


                                                (लेखक - धीरेन्द्र सिंह)

Friday, March 17, 2023

उद्देश के साथ जीवन जीना

 

एक दिन आएगा जब सब यहीं धरा रह जायेगा


समय बीत रहा है

समय बीत गया

बीत जायेगा आने वाला कल

तू है फसा जीवन की माया में, राग द्वेष में 

जीवन कट रहा है, बीत रहा है

पड़ा होगा एक दिन अपनी मौत की शैय्या पर

करेगा विचार, क्या पाया, क्या खोया, जीवन यूहीं गवाया


एक दिन आएगा जब सब यहीं धरा रह जायेगा......


हर पल जीवन का महत्पूर्ण है

ईश्वर की कृपा के अधीन है

जीवन बहुत छोटा है अगर दिशा हीन है

निरंतर अपने पे काम करना 

सीखना सदुपयोग ऊर्जा का

इस जीवन का मात्र एक उद्देश है


एक दिन आएगा जब सब यहीं धरा रह जायेगा......


उस पल के आने से पहले

पूछ कुछ प्रश्न अपने आप से

क्या जी लिया तूने अपने सपनो को?

क्या ले लिया सब अनुभव जो लेना था?

क्या कहीं कुछ पछतावा तो नही?

क्या कहीं कुछ ऐसा तो नहीं जो सीखना रहे गया?

क्या कुछ ऐसा तो नहीं जो छोड़ना था वो छूटा ही नही?


एक दिन आएगा जब सब यहीं धरा रह जायेगा......



                                                   (धीरेंद्र सिंह)









Saturday, March 4, 2023

जिंदगी के पल

 



पल के इंतजार में

पल के खुमार में

पल भर की जिदंगी के बीत ते हर पल में

सपनो की सुनहरी बहार में

नींद में, जागने में, खोने में, पाने में

कुछ है तो भी

कुछ नही है तो भी

जिंदगी की अपनी ही राह में

चलने में, दौड़ने में

मंजिल को पाने में, खोने में

खुशी में, गम में

अपनो में, परायों में

और न जाने कितनो की परछाइयों में

भूल गए हैं खुद को 

उस ईश्वर की दी हुई मुस्कराहट को

हस ले, हस ले जिंदगी

देख तुझको कुछ और भी हस लेंगे

जीना सीख लेंगे

हां जीना सीख लेंगे।


                                               (धीरेन्द्र सिंह)


Sunday, February 19, 2023

महाशिवरात्रि



चली मेरे बाबा की, मेरे भोले की बारात

कितनी सुंदर, कितनी अद्धभूत मेरे शंकर की बारात

जिसमें ब्रह्मा भी आए, विष्णु भी आए 

लाए अपने संग देव समाज

और आए भूत, प्रेत भी जिसमे लेकर अपना समाज

देख जिसको बड़ों बड़ों का दिल भी थर्राए

कितनी सुंदर, कितनी अद्धभूत मेरे शंकर की बारात

चली मेरे बाबा की, मेरे भोले की बारात


सुंदर, अनोखा रूप है सजाया

भस्म को शरीर पर लगाया

सुशोभित हुआ शीश पर चंद्रमा 

जटाओं में गंग धार

और किया सर्पों से श्रंगार

चले बाबा मां जगदम्बा को बियाने 

होकर अपने नंदी पर सवार

चली मेरे बाबा की, मेरे भोले की बारात 

कितनी सुंदर, कितनी अद्धभूत मेरे शंकर की बारात।


                                                        (धीरेंद्र सिंह)


सभी को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं ।


हर हर भोले......

हर हर भोले......