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Sunday, December 5, 2021

वर्षा


नीले गगन में उमड़े काले बादल,
हवाओं ने भी अपना तेवर दिखाया |
बादलों के शोर में,
बिजली ने भी अपना रूप दिखाया | 

देखना कर यह सब,
बच्चों का मन घबराया |
कैसा मौसम है यह,
किसी को समझ नहीं आया | 

चलती तेज हवाएं,
आज अपना जोर दिखाती |
पेड़ों की हर शाखा,
अपने अस्तित्व को बचाती | 

यह वातावरण मन में,
कुछ मिश्रित अनुभव उखरते हैं | 
कहीं डर तो कहीं,
रोमांच का सुंदर अनुभव कराते हैं | 

वर्षा की पहली बूंद,
जो मेरे तन को छूती है |
मुझे आज फिर से, बच्चा बनने पर मजबूर कर देती है | 

बारिश प्रकृति की,
सुंदरता को प्रकाशित करती है |
जीवन में श्रृंगार, हर्ष और उल्लास को बढ़ाती है | 

वर्षा अपने आप में पूर्ण हैं,
श्रृंगार से सुशोभित है | 
मन की शांति है,
सुंदरता की परिकाष्ठा है | 


(लेखक - धीरेन्द्र सिंह)

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