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Wednesday, July 21, 2021

आधुनिक जीवन - छूटता घर का आँगन

घर का आँगन 



आज जीवन शैली बदल गयी है, लोग अपने में ज्यादा सिमट गए हैं | लोग आपस में सहज नहीं हैं जैसे की वह पहले हुआ करते थे | आज हम सब आधुनिक युग में जी रहे हैं जहाँ विज्ञान के नये-नये उपकरण हमारा काम आसान बना रहे हैं, लेकिन साथ साथ इनके उपयोग से जीवन भी जटिल होता जा रहा है | आज हम किसी पर आसानी से भरोसा नहीं कर सकते अगर चाहते भी हैं तो भी नहीं करपाते हैं | इन सबका क्या कारण है, विज्ञान की नयी उपलब्धियां तो हमारे जीवन को सुगम बनाती हैं पर जैसे कहा जाता है की किसी भी चीज का ज्यादा उपयोग नुक्सान देह होता है यह भी ऐसे ही है | आज हम अपने जीवन को बहेतर बनाने के चक्कर में अपने निजी जीवन को ही भूल चुके हैं | 

इसलिए आज  मुझे अपने घर का वो आँगन याद आ रहा है, मुझे अपना बचपन याद आ रहा है, वो खेल, वो साथी, वो लोग, वो बुजर्ग, वो आसमान छूने की जिद्द, वो लड़ना, रूठना, मनना और ऐसी कितनी बातें जो आज के परिवेश से बिलकुल अलग थीं | 

आप कल्पना करिये उस घर की जहाँ दस से ज्यादा परिवार एक साथ रहते हों और उन परिवारों के बच्चे साथ-साथ खेलते हों, लड़ते हों, खिल खिलाकर हँसते हों, खुश होते हों | लेकिन जब इतने सारे लोग साथ रहते हैं तो आप कभी भी अकेले नहीं हो सकते हैं | सोच कर देखिये की आप उदास घर में आते हैं तभी किसी चाची ने या अम्मा ने देखा तो तुरंत प्रश्न आ जायेगा, अरे बेटा क्या हुआ मुहं क्यों लटका रखा है आप कैसे न कैसे उनके इन प्रश्नोसे बचते बचाते अपने कमरे की तरफ बड़ोगे तभी कोई और आपसे पूछ लेगा, हे भाई क्या हुआ | सच मानिये आपको बुरा भी लगेगा की कोई मुझे अकेला क्यों नहीं छोड़ देता, लेकिन इन सबने उस उदासी को दूर भी कर दिया क्यों की अब आप कुछ और ही सोचने लगते हैं जो वास्तव में बहुत जरुरी होता है | जब लोग आपसे बात करते हैं, आपके प्रति अपना स्नेह जताते हैं तब आप में एक अजीब सा उत्साह भर जाता है और आप अपनी मूल समस्या या परेशानी को भूल कर आगे बढ़ जाते हैं और उस परेशानी से निपटने के लिए आप तैयार हो जाते हैं, आप चिंता को छोड़ चिंतन  करने लग जाते हैं | 

आज आधुनिक जीवन शैली में हम संयुक्त परिवार के महत्व को भुला बैठे हैं | हम सब कुछ ज्यादा ही समझदार हो गए हैं लेकिन इससे हुआ क्या है ? इससे हमारी ही निजी जिंदगी का तना बाना बिगड़ गया है | हम सब तनाव के शिकार हो गए हैं जिससे जीवन में अनेको बीमारियों ने घर कर लिया है, हमारे पास कोई सच्चा मित्र, साथी नहीं है, आप जिससे भी अपनी परेशानी को बांटते हो वो ही उसका सौदा करने लगता है | 

हम सब यह जानते भी हैं और मानते भी हैं और संयुक्त परिवार के महत्व को समझते भी हैं फिर भी हम सब अलग-अलग रहना पसंद करते हैं और ठीक भी है, समय बदला है परिवेश भी बदला है लोगों की सोच बदली है किन्तु इस परिस्थति में हमारी नैतिक जिम्मेदारी हमारी नयी पीढ़ी के लिए बड़ जाती है की हम उनको ऐसे संस्कार दें और उनके सामने ऐसा आचरण करें जिससे वो मानवीय मूलों को समझें और एक अच्छे और सच्चे इंसान बन सकें | 

वास्तव में घर का आँगन होता क्या है ? 

घर का आँगन एक ऐसा स्थान जहां सुकून हो, चित शांत हो, ऊर्जा चर्म पर हो, मुख पर मुस्कान हो और यह सब तब होता है जब हमारे अंदर सुरक्षा का भाव होता है | 

यह वही जानता है, जो अपने शहर से दूर हो, जो अपने प्रदेश से दूर हो, जो देश से दूर हो की वास्तव में घर का आँगन क्या होता है | 


(लेखक - धीरेन्द्र सिंह)         

   

 


Sunday, July 18, 2021

आज के समय की जटिलता

 आज का युग 



मै जब अपने व्यक्तित्व को देखता हूँ तो विचारों के अंनतजाल में अपने को फंसा पाता हूँ । मैं अपने को और अपनी क्षमताओं को समाझना चाहता हूँ, आज का वातावरण बहुत जटिल है। आप एक पल बहुत खुश हो तो दूसरे पल में बहुत दुखी हो जाते हो, कितनी बार यह अहसास समझ नहीं पता हूँ क्यों की आज के युग का वातावरण भी कुछ ऐसा ही है। 

आज का युग जानकारी (Information) का युग है तकनीकी (Technology) का युग है अगर आप अपने आपको समय के अनुरूप ढाल लेते हैं तो समय भी आपके जीवन को संभालता है लकिन मेरी समस्या यह है कि मुझे इतनी जटिलता नहीं चाहिए। आज का जीवन इतना सरल नहीं है | शायद, यह मेरी नकारात्मक सोच हो सकती है पर यह समस्या केवल मेरी नहीं अधिकांश व्यक्तियों की है क्योंकी आज हर एक व्यक्ति को कुछ भी करने से पहले सोचने के साथ साथ सतर्कता भी रखनी पड़ती है और जो ऐसा नहीं करते कई बार उनको बहुत नुक्सान उठाने पड़ते हैं | 

(आगे पढ़ें - विचारों की शक्ति)

भारत एक विशाल देश है और हमारी आबादी भी बहुत है । जिसका सीधा मतलब है कि व्यपार के लिए बहुत उत्तम जगह। यह आबादी हमारी शक्ति भी है तो हमारी बहुत बड़ी कमजोरी भी, आज हर देश भारत के साथ व्यापर करना चाहता है और देश भी खुले हाथो से सबका स्वागत कर रहा है।  व्यपार करने के लिए नए नियम कानूनों को और भी सरल बनाया जा रहा है जिससे देश पूरे विश्व के साथ व्यपार कर सके और देश संपन हो सके और यहां के लोग खुशहाल जीवन जी सकें । बैंको ने ऋण देने की प्रक्रिया को भी सरल किया है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग व्यापार कर सकें और देश में सबके लिए पर्याप्त आमदनी के और नौकरी के अवसर उपलब्ध हों सकें | 

(आगे पड़ें - महेनत या लगन)

लोगों को तकनिकी (Information Technology) से जोड़ा जा रहा है और उनकी जानकारी इकट्ठा की जा रही है | यह सब ठीक है पर यह सब हमे विचार करने पर भी विवश करती है क्योंकि आज हमारी सारी निजी जानकारी, जैसे की हमारी आय (income) के बारे में, बैंक खातों के बारे में, घर परिवार के बारे में, कहने का मतलब आपके जीवन और आपसे जुड़े सभी सदस्यों की जानकारी सब सरकारें अपने पास रख रही हैं | मैं यकीन भी करता हूँ की सरकारें इनकी हिफाज़त भी करेंगी किन्तु आज हम जिस युग में जी रहे हैं वहां यह भी खतरे मौजूद हैं की कोई तकनीक (Information Technology) की सहायता से इन जानकारियों को चुरा के कितनी तबाही मचा सकता है कोई सोच भी नहीं सकता है | 

इसलिए मैंने कहा - कुछ भी करने से पहले सतर्कता जरूर बरतें | मैं एक आम आदमी हूँ जो सिर्फ चाहता हूँ एक सरल जीवन, पर ऐसा है नहीं |  हर कोई बिचलित है क्यों की हर पल सतर्कता जरुरी है आप की जरा से लपरवाही आपके लिए मुसीबत का सबब बन सकती है |

(आगे पढ़ें - विचारों की शक्ति

आज के आधुनिक युग में तकनिकी (Information Technology) ने हमारा जीवन को बहुत ही सुबिधा जनक बनाया है इसमें कोई संदेह नहीं है | लेकिन उसके अधिक उपयोग से हमने अपने आपको बीमार भी बना लिया है क्योंकि आज इस तकनीक के माध्यम से हमे इतनी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है जो हमारे विचारों को भी प्रभावित कर रही है और इससे इतनी विचित्र स्थिति उत्पन हो गयी है, पहले आप कुछ करके अनुभव लेते थे आज आप कुछ करने से पहले इतने विचारों से घिरे होते हैं,दूसरों के अनुभवों को जानकार कई बार आप कुछ भी नहीं करते और आपका समय और विचार सब कुछ व्यर्थ हो जाता है | 

(आगे पड़ें - महेनत या लगन)

पहले समस्या का हल प्रधमिकता होती थी आज समस्या के हल का अधिकांश लोग सिर्फ विचार करते हैं |  इस वर्तमान युग में भी ऐसे कुछ स्थिर लोग हैं जो जागरूक हैं, कुछ भी करने में क्योंकि वो जान गए हैं आज के वातावरण को, समय की चाल को इसलिए वो आधुनिक तकनीक (Information Technology) का इस्तमाल सिर्फ जीवन को सरल बनाने में उपयोग करते हैं न की उसको अपने ऊपर हावी होने देतें हैं | 

जीवन के खेल खिलोने यह संघर्ष, तुम इनसे ही अपने  दिल का मिलान करो | 

मत सोचो इतना की क्या होगा बस थोड़ी सी एतियात जरूर बर्तो ||


(लेखक - धीरेन्द्र सिंह)