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Friday, September 25, 2020

हौसला


हिम्मत 




बहुत मुश्किल होता है, अपने पथ पर चलना,

अपने विश्वास को बनाके रखना । 

कमजोर का तो पथ भी साथ छोड़ देते हैं, 

जिनके इरादे हों फोलादी मंजिल भी उनका पता पूछती है।

कह दो मंजिलों से थका हूं तो रुका हूं पर हारा नहीं हूं ।

बहुत जल्द मिलूंगा तुझसे यह मेरे हौसलों की चिंगारी है।

इस काल खंड में बहुत बहुत बेचैनी है, सब कुछ बदल गया है, बिखर गया है । 

अंदर की ऊर्जा में घमासान झिड़ा है बाहर तो करोना फैला है ।

यह समय वाकई संघर्ष का है, पर टिकेगा वही जो अपनी अंदर की ऊर्जा को संभालेगा । 

रहेगा अडिग अपने इरादों में, गिर के उठने में, पायेगा वही मंजिल जिसके हौसले फॉलादी हों ।



(लेखक - धीरेन्द्र सिंह)

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