दोस्तों आज एक छोटीसी कहानी से अपने बात करना चाहूँगा, आशा करता हूँ आप तक वो बात सही तरीके से पहुँचे -
एक बार की बात है एक बच्चा अपने पिता जी से बोला पापा मुझे एक Dog चाहिए जो मेरा अच्छा दोस्त होगा परन्तु उसके पापा ने उसे मना कर दिया | उसको समझा दिया की हमें Dog नहीं चाहिए, लकिन लड़का Dog लेना चाहता था तो उसने अपनी पॉकेट मनी को बचाना आरम्भ कर दिया और कुछी समय में उसके पास कुछ १००० के करीब रूपए इकठा हो गए |
लड़का बहुत हिम्मत करके उन जोड़े हुए रुपयों को लेकर बाजार गया, एक दुकान में जाकर उसने बहुत सरे Dogs को देखा पर सभी बहुत महंगे थे, तब लड़का दुकान के मालिक के पास गया और बोला, चाचा जी मेरे पास तो सिर्फ एक १००० रुपये के करीब हैं और यहाँ पर सभी डॉग्स बहुत महंगे हैं, क्या आप मेरी कुछ सहायता कर सकते हैं, दुकानदार बोला बेटा इतने में तो यहाँ कोई भी Dog या Puppy नहीं हैं आप अपने पापा के साथ आना |
लड़का बोला चाचा जी निश्चय कर के आया हूँ की Dog नहीं तो एक छोटा Puppy लेकर ही जाऊंगा, आप इसमें मेरी थोड़ी सहायता करीये ना तब दुकानदार बोला अच्छा ठीक है आओ मेरे पीछे, तब दुकानदार उसे एक कमरे के पास लेकर गया जिसमे तीन चार Puppy थे | दरवाजा खुलते ही वो Puppy बहार भाग गए तब एक Puppy धीरे धीरे लंगड़ाता हुआ बहार आया, उस बच्चे ने उसे देखर कहा चाचा जी मुझे तो यही Puppy चाहिये, दुकानदार बोला बेटा ये कभी भी ठीक से चल नहीं पायेगा और ना ही तुम्हारे साथ दौड़ और खेल पायेगा मैं तुम्हे कोई दूसरा Puppy देता हूँ |
लड़का बोला चाचा जी नहीं मुझे तो यही Puppy चाहिए, मुझे तो आप यह बताईये की मुझे इसके कितने रुपये देने हैं, दुकानदार बोला बेटा इसको में तुम्हे ऐसे ही दे दूँगा पर बेटा तुम समझ नहीं रहे हो यह तुम्हारे किसी काम का नहीं है , तब लड़का थोड़ा गंभीर हुआ और दो कदम पीछे होकर उसने अपनी दायीं पैर की पैंट को ऊपर किया, तब दुकानदार हैरान होगया, उसने देखा बच्चा अपनी नकली टाँग पर खड़ा है जिसे देखकर उसकी आखों में आसूं आ गये |
लड़का बोला चाचा जी मेरे पिता जी ने मुझे यही सिखाया है कोई भी इंसान बहार किसी से नहीं हारता है जब भी हारता है अपने आपसे हारता है | जैसे मैं इन नकली पैर के साथ खड़ा हूँ वैसे ही मैं इस Puppy को भी यह एहसास करना चाहता हूँ की यह भी किसी से कम नहीं है | इसलिए चाचा जी जब मैं अपने आप को कमजोर नहीं समझता तो इस Puppy को कैसे कमजोर समझूँगा |
तब दूकानदार ने उस लड़के को गले लगा लिया और कहा बेटा तुमने आज जिंदगी की बहुत बड़ी सीख मुझे दी है, बेटा आज से यह Puppy तुम्हारा हुआ |
सच कहा है - " इंसान हमेशा खुद से हारता है दुनिया से नहीं " |
(लेखक - धीरेन्द्र सिंह)
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