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Monday, December 8, 2025

प्रेम की सुंदरता: जहाँ पीड़ा में भी आनंद है | The Beautiful pain of love

प्रेम की सुंदरता: जहाँ पीड़ा में भी आनंद है | The Beautiful pain of love


तुम मुझसे रूठ जाओ, तो कोई बात नहीं,

पर तुम्हें मनाने का हक मुझसे मत छीनना।


तुम दूर सही, पर अगर खुश हो,

बस यही बात मंज़ूर है मुझको।


तेरी याद सताती है, पर कहने की हिम्मत नहीं होती,

तेरी तस्वीर देखकर यादों में ही खोजना पड़ता है तुझको।


यह तो मैं और तुम हैं…

कौन कल्पना कर सकता है इस विरह-पीड़ा की,

राधा–कृष्ण के प्रेम की।


कौन जाने पीड़ा मीरा बाई की,

कौन जाने पीड़ा मेरे कृष्ण की।

प्रेम की यही तो सुंदरता है

जिसमें पीड़ा में भी आनंद है, तड़प है,

मिलने की आस है।


तुम मुझसे रूठ जाओ, तो भी कोई बात नहीं,

पर तुम्हें मनाने का हक मुझसे मत छीनना।           

               

                                            (धीरेन्द्र सिंह)



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