हम अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं पर उसके लिए तैयारी नहीं करते और जब असफल हो जाते हैं तो पूरी दुनिया को और अपने रिश्तेदारों को सब को बुरा भला कहते हैं लेकिन यह नहीं सोचते कि हम में क्या कमी रह गई ।
जब इंसान किसी सपने के लिए कठिन परिश्रम कर रहा होता है तो वह बार-बार उसका अनुकूलन अपने सपनों में करता रहता है, जो सफलता के लिए बहुत जरूरी भी है पर अधिकांश मनुष्य फल की इच्छा में अपने कठिन परिश्रम को भुला देता हैं और ख्यालों की दुनिया में खोया रहते हैं। जिससे उसका ध्यान मेहनत से हटकर उससे होने वाले लाभ पर केंद्रित हो जाता है जो उसकी सारी मेहनत पर पानी फेर देता है क्योंकि जब आप किसी सपने को पूरा करना चाहते हैं तो पूरी लगन से उसके लिए तैयारी करें बिना हार जीत के विषय में सोचें।
लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है?
इसको ऐसे समझें कि आपको बाजार से कुछ सामान लेना है और आप बाजार जाते हैं, बिना यह सोचे की दुकानें खुली होंगी या नहीं समान मिलेगा या नहीं, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपका पूरा ध्यान उस सामान को किसी भी हाल में खरीदने पर होता है यह सिद्धांत सपने को पूरा करने के लिए भी उपयोग किया जाए तो वास्तव में सफलता मिलती है।
जैसे कोई भी सफल व्यक्ति सफल क्यों हुए?
वह व्यक्ति सफल इसलिए हुए क्योंकी उन्होंने सिर्फ अपना सारा ध्यान अपनी सारी ऊर्जा अपने काम पर केंद्रित कर दी ना कि उसकी सफलता या असफलता के बारे में सोचने में इसलिए मैं यह मानता हूं अगर आप कुछ भी करना चाहते हैं तो उसके लिए नियमित रूप से निरंतर मेहनत करें, प्रयास करें सफलता आपको जरूर मिलेगी।
"जीवन में हारना अनुभव सिखाता है।
गिर कर उठना, हार ना मानना, जीवन जीना सिखाता है।"
सफलता का एक ही नियम - हार ना मानना (Never give up)
(लेखक - धीरेंद्र सिंह)
जीना इसी का नाम है.....
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