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Saturday, August 1, 2020

Prayer - माँ शारदे वन्दना

Maa Sharde Prayer


आराधना करूँ क्या तेरी, किन शब्दों में तेरा गुणगान करूँ | 
क्या है ऐसा मैं कहूं जो तेरी वन्दना बन जाये | 

जिससे है हर शब्द उसको कैसे शब्दों में बांधूं | 
ऐसा क्या लिखूं जिससे तेरी स्तुति हो जाये | 


ध्यान तुझसे, ज्ञान तुझसे, हर जीव की चेतना का सार तुझसे | 
तू ही ग्रन्थ, तू ही काव्य, तू ही संगीत, तू ही हर साज की आवाज | 

मूड़ हूँ मैं, कैसे करूँ तेरी वंदना | 
सोच रहा बांधूं उसको शब्दों में, जो हर शब्द से परे है |

हे शारदे माँ तू ज्ञान की देवी, दया की मूरत | 
दे मुझको भी वो वरदान, करूँ तेरा मैं गुणगान |

बिन तेरी कृपा के, कब ज्ञान की अलख जगी है | 
बिन तेरी कृपा के, कब कोई तेरी स्तुति रची है | 

मांग रहा तुझसे वरदान तेरी ही भक्ति का | 
कर सकूँ तेरी वंदना दे मुझको वरदान | 

आराधना करूँ क्या तेरी, किन शब्दों में तेरा गुणगान करूँ | 
क्या है ऐसा मैं कहूं जो तेरी वन्दना बन जाये |  
 

(लेखक - धीरेन्द्र सिंह)
 

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