स्वतंत्र जीवन, जहां आप आजाद हो उड़ने के लिए, खुला आसमान, जहां आपकी शांति, मन की शक्ति, सिर्फ आपके साथ हो। मैं उस चील की तरह आसमान में उड़ना चाहता हूं और जीवन के हर पहलू को जीना चाहता हूं, एक जगह बंद कर रहना मुश्किल हो जाता है जब आपकी खुशी आजाद ख्याल में हो।
आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम सब उस आजादी को, स्वतंत्रता को, भुला बैठे हैं। आज हम गुलाम हैं, अपनी भौतिक महत्वकांक्षाओं के, हमें सब चाहिए फिर हमें अपनी शांति ही क्यों ना छोड़नी पढ़े।
क्या हम सब वाकई आजाद हैं, स्वतंत्र हैं?
शायद नहीं...........
जब हम सब बच्चे थे, तो हर चीज में खुशी तलाश लेते थे क्योंकि शायद हम महत्वकांक्षाओं के भवर में नहीं पढ़ते थे, वही करते थे, जो हमें सबसे ज्यादा पसंद होता था।
जीवन महत्वपूर्ण है और जीने के लिए धन, रिश्ते, लोग सब जरूरी है पर शायद हम इसका अर्थ कुछ और ही लगा बैठे हैं।हम काम तो कर रहे हैं पर वह काम नहीं जिसको हम पसंद करते हैं जो हमारी उड़ान के लिए बहुत जरूरी है हम अधिकांशत: वह काम कर रहे हैं जिसको करने में हमें कोई रुचि नहीं बस सामाजिक पहचान के लिए या शायद अच्छे पैसों के लिए बस कर रहे हैं, एक अजीब से डर के साथ।
क्योंकि इस तरह तो सिर्फ हम सब अपना समय काट रहे हैं, रोज उठते हैं, खाना खाते हैं, अपना काम करते हैं और दिन ढलने के साथ सो जाते हैं, बस हमारी जिंदगी यही है और समय बीत रहा है और हम सब खर्च हो रहे हैं। एक दिन वह भी आ जाएगा जब हम सब हैं से थे हो जाएंगे और किसी दीवाल पर तस्वीर बनकर टंग जाएंगे।
किसी ने बहुत अच्छी बात कही भी है -
जिंदगी बड़ी नहीं लेकिन ऐसी होनी चाहिए जिसमें आप अपना हर पल खुशी से और वह करते हुए जिएं जिसको करने में आपको वास्तव में खुशी मिलती हो।
वह चील जो खुले आसमान में उड़ती है
ऊंचे और ऊंचे आसमानमें उड़ती है
शांत स्थिर अपनी ही धुन में
किसी से कोई फर्क नहीं है उसे
जिंदगी उसकी है और वह वाकई आजाद है, स्वतंत्र है
जिंदगी का हर पल महत्वपूर्ण है आप इसे कैसे खर्च करते हैं यह आप पर निर्भर है क्योंकि पल तो हर समय बीत रहा है।
- धीरेन्द्र सिंह