१५ फरवरी २०२५ से, CBSE के दसवीं की परीक्षा शुरू हो रही हैं, यह परीक्षा केवल उनकी नहीं, उनके साथ साथ उनके अभिभावकों की भी है क्योंकि यह एक कदम है उन सभी बच्चों का अपने सपने के तरफ जिसमें उनको उस प्रश्न का उत्तर ढूंढना है कि आप अपनी जिंदगी में क्या बनेंगे या बनना चाहोगे, इसलिए एक अजीब सा दबाव रहता है हर बच्चे और उनके अभिभावकों पर ।
परीक्षा का दबाव होना स्वाभाविक है, इसलिए अभिभावक होने के नाते यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम बच्चों को जीवन में संतुलन का भी पाठ पढ़ाएं । हर समय जीतना है की बात करना तो अच्छा है पर अगर हार हो जाए तब क्या करना चाहिए यह भी बच्चों को सिखाना चाहिए ।
मेहनत खूब करो, जम कर करो, जीत के लिए पूरा दम लगाओ, पर साथ साथ अपनी सेहत का भी ध्यान करो, क्योंकि आज के गला काट प्रतिस्पर्धा के युग में, हर बच्चा अपनी झमता से ज्यादा प्रयास करने की ललक में घंटों एक ही जगह बैठ कर पढ़ता रहता है, जिससे उसके स्वस्थ पर विपरीत असर पड़ता है ।
मेरी सभी दसवीं के बच्चों को बहुत बहुत शुभ कामनाएं और खूब आशीर्वाद, सभी बच्चे अपनी अपनी परीक्षाओं में उत्तीर्ण हों और अपने मां बाप और गुरु जनों का खूब नाम रोशन करें ।
लेकिन अगर आप उत्तीर्ण नहीं भी हुए तब भी कुछ बिगड़ेगा नहीं, समझने कि कोशिश करना, कहां गलती हो गई और अगले साल फिर से प्रयास करना, जिंदगी बहुत खूबसूरत और बड़ी है, ऐसे कितनी परीक्षा आएंगी और जाएंगी, कोई भी आप से महत्वपूर्ण नहीं है, बस इतना याद रखना ।
(लेखक - धीरेन्द्र सिंह)